पश्चाताप

अक्सर मंदिर के पुजारी व्यक्ति को जीवन के आसक्ति के प्रति पश्चताप का भाव रख कर ईश्वर से क्षमा प्रार्थी होने की सलाह देते हैं। इनके अनुसार यदि वासना के प्रति निरासक्त होकर ईश्वर से क्षमा याचना की जाए तो मरणोपरांत ऊर्ध्व गति प्राप्त होती है।  व्यक्ति डरकर दबी जुबान से क्षमा मांग तो लेता है परन्तु उसे अपनी अनगिनत  वासनाओं के अतृप्त रहने  का अफसोस होता है। वो पश्चाताप जो केवल…
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कविता

Nil
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Dil se

यहा मेरी कविताए आप पढ सकते है
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हौले कविता मैं गढ़ता हूँ

#आत्म_कथ्य #Mind #Confession #2linesonly #2liners #Spiritual #Micro_poetry
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दुर्योधन कब मिट पाया

जब सत्ता का नशा किसी व्यक्ति छा जाता है तब उसे ऐसा लगने लगता है कि वो सौरमंडल के सूर्य की तरह पूरे विश्व का केंद्र है और पूरी दुनिया उसी के चारो ओर ठीक वैसे हीं चक्कर लगा रही है जैसे कि सौर मंडल के ग्रह जैसे कि पृथ्वी, मांगल, शुक्र, शनि इत्यादि सूर्य का चक्कर लगाते हैं। न केवल वो अपने हर फैसले को सही मानता है अपितु उसे औरों पर थोपने की कोशिश भी करता है। नतीजा …
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चेतना के अंकुर

मेरे जीवन में बहुत सारी ऐसी घटनाएँ घटती है जो मेरे ह्रदय को आंतरिक रूप से उद्वेलित करती है। मै बहिर्मुखी स्वाभाव का हूँ और ज्यादातर मौकों पर अपने भावों का संप्रेषण कर हीं देता हूँ। फिर भी बहुत सारे मुद्दे या मौके ऐसे होते है जहाँ का भावो का संप्रेषण नहीं होता या यूँ कहें कि हो नहीं पाता। यहाँ पे मेरी लेखनी मेरा साथ निभाती है और मेरे ह्रदय ही बेचैनी को जमान…
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मेरे गाँव में शामिल हुआ है थोड़ा सा शहर

इस सृष्टि में कोई भी वस्तु बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के लिए गाँव गया था। सोचा था शहर की दौड़ धूप वाली जिंदगी से दूर एक शांति भरे माहौल में जा रहा हूँ। सोचा था गाँव के खेतों में हरियाली के दर्शन होंगे। सोचा था सुबह सुबह मुर्गे की बाँग सुनाई देगी, कोयल की कुक और चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई पड़ेगी…
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CONSEQUÊNCIAS ...

Не проверенная история Prosa-poética e reflexão....
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धरती पर ले आता कौन!

Не проверенная история ईश्वर की शक्ति असीम और अपरम्पार है। सूरज की रोशनी आखिर धरती पर कैसे पहुंचती है। धरती अनेक मौसम आते हैं। परंतु उनको बारी बारी से एक क्रम में कौन लाता है? धरती को और सौर मंडल के अनेक तारों और ग्रहों को कौन थामे रहता है? आखिर कौन है वो शक्ति?ईश्वर की असीम शक्ति को रेखांकित करती हुई कविताएं।
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भगवान बताएं कैसे? [भाग-1]

Не проверенная история कहते हैं कि ईश्वर ,जो कि त्रिगुणातित है, अपने मूलस्व रूप में आनंद हीं है, इसीलिए तो उसे सदचित्तानंद के नाम से भी जाना जाता है। इस परम तत्व की एक और विशेषता इसकी सर्वव्यापकता है यानि कि चर, अचर, गोचर , अगोचर, पशु, पंछी, पेड़, पौधे, नदी , पहाड़, मानव, स्त्री आदि ये सबमें व्याप्त है। यही परम तत्व इस अस्तित्व के अस्तित्व का कारण है और परम आनंद की अनुभूति केवल इसी से सं…
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वर्तमान से वक्त बचा लो [भाग6]

Не проверенная история एक व्यक्ति का व्यक्तित्व उस व्यक्ति की सोच पर हीं निर्भर करता है। लेकिन केवल अच्छा विचार का होना हीं काफी नहीं है। अगर मानव कर्म न करे और केवल अच्छा सोचता हीं रह जाए तो क्या फायदा। बिना कर्म के मात्र अच्छे विचार रखने का क्या औचित्य? प्रमाद और आलस्य एक पुरुष के लिए सबसे बड़े शत्रु होते हैं। जिस व्यक्ति के विचार उसके आलस के अधीन होते हैं वो मनोवांछित लक्ष्य का संधान करने मे…
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वर्तमान से वक्त बचा लो [पंचम भाग ]

Не проверенная история विवाद अक्सर वहीं होता है, जहां ज्ञान नहीं अपितु अज्ञान का वास होता है। जहाँ ज्ञान की प्रत्यक्ष अनुभूति होती है, वहाँ वाद, विवाद या प्रतिवाद क्या स्थान ? आदमी के हाथों में वर्तमान समय के अलावा कुछ भी नहीं होता। बेहतर तो ये है कि इस अनमोल पूंजी को वाद, प्रतिवाद और विवाद में बर्बाद करने के बजाय अर्थयुक्त संवाद में लगाया जाए, ताकि किसी अर्थपूर्ण निष्कर्ष पर पहुंचा …
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मान गए भई पलटूराम

Не проверенная история इस सृष्टि में बदलाहटपन स्वाभाविक है। लेकिन इस बदलाहटपन में भी एक नियमितता है। एक नियत समय पर हीं दिन आता है, रात होती है। एक नियत समय पर हीं मौसम बदलते हैं। क्या हो अगर दिन रात में बदलने लगे? समुद्र सारे नियमों को ताक पर रखकर धरती पर उमड़ने को उतारू हो जाए? सीधी सी बात है , अनिश्चितता का माहौल बन जायेगा l भारतीय राजनीति में कुछ इसी तरह की अनिश्चितता का म…
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ज़रा सी जिंदगी

Не проверенная история अनकही दास्तान और मेरी कहानी
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बना कर दिखाओ

Не проверенная история बना कर तो दिखाओ
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