हर तरह की बातें अगर गौर से देखी जाएं तो हम ज़िन्दगी के उतार चढ़ाव की हालत में ख़ुद को संभाल सकते हैं।
ख़ुद पर भी उतना ध्यान देना जरूरी है जितना हम अपने संपर्क में आने वाले लोगों पर देते हैं। तभी हम ख़ुद को मजबूत बना सकेंगे, परिस्थितियों का सामना करने के लिए।
हर रिश्ते में निर्धारित उचित दूरी होती है जिसे पालन करना सर्वोत्तम जीवन की उपलब्धता है। जब भी निर्धारित दूरी को खत्म किया जाता है व्यक्ति के जीवन का संतुलन बिगड़ जाता है और उसका विनाश निश्चित हो जाता है।
जिस तरह हम दूसरों द्वारा ख़ुद की मदद करने पर उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित करते हैं उसी तरह हम अपने माता -पिता के प्रति कृतज्ञ क्यों नहीं हो पाते।
28 июня 2021 г. 10:52:49 0 Отчет Добавить 2Мы можем поддерживать Inkspired бесплатно, показывая рекламу нашим посетителям.. Пожалуйста, поддержите нас, добавив в белый список или отключив AdBlocker.
После этого перезагрузите веб-сайт, чтобы продолжить использовать Inkspired в обычном режиме.
Комментарии
0 Комментарии