ये कहाणी शिरिन नामक लड़की की है जो मुंबई में रहती है|जिसकी जिंदगी में सब नकली दोस्त ही आये|किसी ना किसी वजह से उसकी दोस्ती हमेशा टूट जाती थी|
तो चलिये शिरिन की कहाणी को समझने के लिये शुरु से शुरु करते है|
शिरिन अपनी ही दुनिया में मस्त रहना पसंद करती थी|पर वो बचपनसे ही दोस्तीको लेकर बहुत भाऊक थी|उसकी मा उसे हमेशा कहा करती थी की "तुम्हारी जिंदगी में एक दिन ऐसा भी आयेगा जब तुम्हारे सबसे ज्यादा दोस्त होंगे"|
शिरिन उस दिन का इंतजार कर रही थी|पर उस दिन का इंतजार करते करते उसका दोस्तीपरसे भरोसाही उठ गया|
और जैसा की शिरिन की मा ने कहा था,शिरिन की जिंदगीमें वो दिन आया जब उसके बहोत सारे दोस्त बने और कुछ दोस्तोंकेलिये शिरिन बहुत खास भी बन गयी|पर शिरिन उनमेंसे किसी कोभी मनसे दोस्त नही बना पायी|
सोचिये की ऐसा क्या हुआ होगा शिरिन के साथ इंतजार करते करते की वह आगे जाके कभी दोस्ती पे भरोसाहि ना कर पायी|
इसके पिछेकि वजह जाणणे के लिये पढते रहिये...Fake Friends...!
Merci pour la lecture!
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