कहानी के स्टार्ट में मयंक के घर में अलार्म बज रहा था।
मयंक : करण (2) अलार्म बंद कर ।
करण : plz , मुझे सोने दो । कल थोड़ी शादी में जाना है!।
तभी दोनो को याद आता है की, उनको कल अपने बेस्ट फ्रेंड रंजीत के शादी में जाना है।
मयंक : omg! , हमें तो शादी में जाना था।
करन : हां, bc, chalo उठो।
मयंक : करण , आज plz तुम आज टॉयलेट में 3 घंटे मत लगाना ।
करन : तेरा मतलब क्या है?।
मयंक : कुछ नही , चलो तैयार होने।
अब कहानी दिशा के घर जाती है । वो मयंक के दोस्त रंजीत के मंगेतर है।
दिशा की मां : दिशा , उठो रंजीत u.s.a से निकल गया होगा गुजरात के लिए उठो हमे भी निकालना है। th
दिशा : मां, आपने शादी पंजाब में क्यों न रखी? गुजरात में क्यों रखी?
दिशा की मां : क्योंकि, तेरे पिता की आखरी इच्छा थी कि तेरी शादी गुजरात में अपने पुराने घर में हो।
दिशा : पहले आप गुजरात चले जाओ , में तैयार होके बाद में आती हो। आपको वहां काम होगा।
दिशा की मां : ok , में जाती हूं , तुम जल्द ही आ जाना ।
दिशा : ok , मां में आ जाओगी।
दिशा तभी मन में बोलती है।
दिशा : मां, में कैसे बोलो की मुझे शादी नही करनी।
फिर , दिशा तैयार होने चले जाती है।
अब कहानी मयंक के घर जाती है।
करन : चलो , गुजरात के लिए निकलना है।
मयंक : चल ।
फिर मयंक और करन ट्रेन पकड़ने चले जाते है ।
और दूसरे तरफ दिशा भी ट्रेन पकड़ने चले जाते है।
मयंक, करन और दिशा एक ही डब्बे में आ जाते है।
दिशा अपनी सीट ढूंढते ढूंढते मयंक के डब्बे में आ जाते है।
तभी दिशा को अपनी सीट मिल जाती है पर। वहां कुछ गुंडे बैठे थे।
दिशा : excuse me! , इधर आप बैठे हो वहां मेरी सीट है। आप दूसरे जगह जाओ।
गुंडे : मैडम, वहां तो जगह नही है , आप मेरे गोद में आके बैठ जाओ ।
तभी , मयंक उन गुंडों को मारता है।
गुंडा : सॉरी! , बहन और सॉरी भाईसाहब अब में ट्रेन में भी नही बैठोगा ।
फिर , मयंक दिशा के साथ बैठ जाता है।
फिर रात हो जाती है। और रात में मयंक उठ जाता है । और मयंक को दिशा को देखकर प्यार हो जात है।
तो मयंक उसे किस करता है। तभी दिशा उठ जाती है।और मयंक को धक्का देकर विंडो सीट पे बैठा देती है।
फिर दिशा मयंक को किस करती है। तभी करन उठ जाता है।
करन : ये लोग तो चालू ट्रेन में ही चालू है। this is a Indian thing
फिर दिशा की अपनी पापा की याद आती है तो मयंक को गिरा देती है।
करन : omg!
मयंक : दिशा , तुमने मुझे क्यों गिराया ?
दिशा : मयंक , सॉरी but मेरी कल शादी है , गुजरात में और में वहां तेरी साथ....
करन : हमारे फ्रेंड रंजीत के भी कल ही शादी है।
दिशा : मेरे मंगेतर का नाम भी रंजीत ही है।
मयंक : मतलब...
करन : तुमने तो अपनी भाभी के साथ ही ....... तुमे तो गंदे नाले में से कूद जाना चाहिए।
करन : दिशा , तुम्हे तो बताना चाहिए था । न पहले
दिशा : i am so sorry! करन एंड मयंक
मयंक : अब क्या करे?
करन : अब तुम दोनों को पूरे इस सफर में एक दूसरे के साथ बात और वो नही करना है।हम दूसरे डब्बे में जा रहे है।
फिर मयंक और करन दूसरे डब्बे में चले जाते है।
फिर रात को करन उठकर देखता है की ,मयंक और दिशा एक दूसरे को मैसेज से बात करते है। तभी करन ने मयंक का फोन लेके फेंक दिया ।
फिर करन ने रात को उठकर देखा तो मयंक दिशा किस कर रहे थे। तो करन मयंक को पकड़के दूसरे डब्बे में ले जाता है। और ट्रेन का दरवाजा बंद कर देता है।
फिर करन रात को उठता है।तो मयंक वहां नहीं था ।
करन : अब तो सर पानी के ऊपर से निकल गया है।
तभी,
दूसरा आदमी : अबे, पानी सर के ऊपर से निकल गया है।
करन : माय मिस्टेक ! , अब तो कुछ न कुछ करना होगा।
तभी,करन फिर दूसरे डब्बे में जाता है । तो मयंक और दिशा फिर एक साथ थे।
तभी.....
मयंक : करन , i am sorry
करन: मयंक और दिशा , plz मेरे ध्यान से बात सुनो।
दिशा : बोली ।
करन : मयंक , तुम तो समझो , ये लड़की का मुझे पता नहीं पर .. तुम तो रंजीत को धोखा मत दो।
दिशा : क्या बे? , ये शादी मेरे मर्जी के बिना हो रहे है। मेरे चरित्र पे ना जाना ।
करन : ok , देवी, मयंक रंजीत हमारा बचपन का दोस्त है। तुम धोखा क्यों दे रहे हो?
मयंक : सॉरी! , अब में रंजीत को धोखा नहीं दूंगा ।
मयंक : दिशा , अब में तुमसे कभी नही मिलेंगे ।
दिशा : ok, bye मयंक।
फिर मयंक और करन दूसरे डब्बे में जाते है । फिर करन रात को उठकर देखता है तो मयंक रो रहा था।
करन : मयंक , तुम क्यों रो रहे हो?
मयंक : मैने दिशा से सच्चा प्यार किया था।
करन : हां, अब सो जा ।
फिर ट्रेन गुजरात के एक स्टेशन पे रुकती है।
करन : ये लो चाय ! , और में अब दिशा को चाय देके आता हूं।
मयंक : हां।
फिर , करन पूरे ट्रेन में दिशा को ढूंढता है ।पर दिशा दिखाई नही देती ।
करन : मयंक ,दिशा पूरे ट्रेन में नही है।
मयंक : तुम एक बार फिर ट्रेन में देखलो में स्टेशन पे देखता हूं।
करन : ok
फिर, करन ट्रेन में ढूंढता है । और मयंक स्टेशन पे ढूंढता है।
फिर मयंक को दिशा मिलती है।
मयंक : दिशा , तुम कहां चली गई थी?
दिशा : मयंक , में तुम्हारे लिए नया फोन लेने गई थी।करन ने फेंक दिया था । न
मयंक : thanks
तभी ट्रेन चलनी लगती है। मयंक और दिशा पर पकड़ नही पाती ।
ट्रेन में।
करन : अब ये दोनों x3 बनाएंगे।bc
स्टेशन में।
मयंक : अब क्या करे?
दिशा : मयंक , वो बाइक ! देखो।
मयंक : थैंक यू
तभी, मयंक और दिशा एक आदमी की बाइक लेके चला जाता है।
आदमी : चोर मेरे बाइक ले गया।
फिर मयंक और दिशा बाइक पे शादी के लिए निकल जाते है।
1 घंटे बाद जाने के बाद । एक ट्रक के साथ एक्सीडेंट होते हुए बच गया । पर दिशा को लगा तो मयंक और दिशा एक घर में चले गई। वहां मयंक ने दिशा की देखभाल की और वहां खड़ी जिप लेके वहां से भी चले जाते है।
रास्ते में दिशा कहती है की।
दिशा : मयंक , तुमें पता है , मेरे पिता की मौत कैसे हुई थी?
मयंक : ना।
दिशा : उनकी मौत मेरे कारण हुए थी।
मयंक : क्या?
दिशा : हां , मेरे पापा को रंजीत बड़ा पसंद था। पर मुझे मेरे पसंद के लड़के के साथ शादी करनी थी ।उससे पापा दुखी हो गई। और उन्होंने आत्महत्या....
मयंक : ओह!....
दिशा : पर मयंक । really love you
मयंक : पहुंच गया दिशा बस आधा घंटा.....
फिर कहानी शादी में जाती हैं।
रंजीत : करन , तुम आए पर.... मयंक नही आया ?
करन : वो गये स्टेशन पे छूट गये ।
रंजीत : मतलब और भी कोई था तुम्हारे साथ।?
करन : हां, दिशा।
रंजीत : omg! दिशा, तुम्हारे साथ । मयंक भाग तो नही गया । उसे लेके ।
करन (मन में) : ऐसा ही समझो ।
रंजीत : i am joking!
तभी.....
दिशा की मां : रंजीत, बेटा , दिशा आ गई। पर उसके साथ लड़का कोन है।?
रंजीत : he is my friend
तभी, मयंक और दिशा आते है । पर मयंक दिशा का हाथ नही छोड़ता।
दिशा की मां: बेटा , दिशा का हाथ छोड़ो।
रंजीत : आंटी ,ये दिशा का हाथ जन्मों - जन्म तक नहीं छोड़ेगा ।
मयंक : हां, आंटी और रंजीत । में दिशा का हाथ कभी नही छोड़ूंगा । क्योंकि हम एक दूसरे से प्यार करते है।दिशा की मां : दिशा , ये सच है।
दिशा : हां।
मयंक : आंटी , आपकी लड़की काफ़ी बेवकूफ है।
क्योंकि वो अपने पापा की मौत का जिम्मेदार खुदको मानती है। पर ये गलती actually aunty और uncle आपकी है। क्योंकि , आप रंजीत को पसंद करते है । पर दिशा की पसंद भी होती है। एक बार अंकल दिशा से खुलके शांति से बात किए होते तो अंकल दिशा की पसंद से शादी होती और अंकल शादी में नाच रहे होते।
तभी, दिशा मयंक को थप्पड़ मारती है।
दिशा : तुम कोन होते हो , मेरे परिवार की गलती बताने वाले और मेरी शादी पसंद से हो या न पसंद से हो । तुम होते क्या हो मेरे? । तुम चले जाओ।
मयंक : ok , में चला जाऊंगा।
फिर , मयंक स्टेशन चला जाता है।
मयंक , branch पे बैठा था। तब दिशा की मां आती है।
दिशा की मां : मयंक , तुमने मेरे आंख खोल ली । अब से दिशा तेरी।
रंजीत : मेरी भी आंख खोल ली ।
तभी , दिशा : मयंक , तुमने मेरे भी आखें खोल ली।
फिर दोनों गले लग जाते है।
———————THE END———————
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