अमर गीता एक व्यावहारिक, प्रेरणादायक, आध्यात्मिक , समृद्धता से संबंधित पुस्तक है।
अमर गीता,
युवाओं(14 - 30 साल की उम्र ) ,
मध्यम आयु (30-40 वर्ष की आयु )
और 40 + से 80+ ,
के लिए जीवन मार्गदर्शक है।
ये बात तो तय है कि दुर्योधन की पहली मुलाकात कर्ण से उस युद्ध कीड़ा के मैंदान में नहीं बल्कि काफी पहले हीं हो गई थी। बचपन से दोनों एक दुसरे के परिचित थे और साथ साथ हीं द्रोणाचार्य से शिक्षा भी ग्रहण कर रहे थे