अमर गीता एक व्यावहारिक, प्रेरणादायक, आध्यात्मिक , समृद्धता से संबंधित पुस्तक है।
अमर गीता,
युवाओं(14 - 30 साल की उम्र ) ,
मध्यम आयु (30-40 वर्ष की आयु )
और 40 + से 80+ ,
के लिए जीवन मार्गदर्शक है।
ये बात तो तय है कि दुर्योधन की पहली मुलाकात कर्ण से उस युद्ध कीड़ा के मैंदान में नहीं बल्कि काफी पहले हीं हो गई थी। बचपन से दोनों एक दुसरे के परिचित थे और साथ साथ हीं द्रोणाचार्य से शिक्षा भी ग्रहण कर रहे थे
Non Verified story
आजादी के 75 वर्षों के बाद आज भी यदि हम अपने देश भारत की तुलना दूसरे विकसित देशों से करते हैं तो कहीं ना कहीं हमें यह अनुभव होता है कि हमें अपनी व्यवस्थाओं को और सशक्त करने तथा उन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
किसी भी देश का विकास उस देश की नीति तथा व्यवस्था में निहित है। यदि देश की व्यवस्था लचर होती है तो देश प्रगति के पथ पर उस गति से आगे नहीं बढ़ सकता जिस गति …